आज के समय में बहुत से लोग नौकरी (Job) के भरोसे बैठे रहते हैं, लेकिन हर किसी को मौका नहीं मिल पाता। कई बार हालात ऐसे बन जाते हैं कि न तो नौकरी मिलती है और न ही बैंक से लोन (Loan) आसानी से मंजूर होता है। ऐसे ही हालात से गुज़रे रायपुर के रहने वाले रमेश वर्मा। उन्होंने काफी कोशिश की, लेकिन नौकरी हाथ नहीं लगी। जब छोटे-मोटे बिजनेस (Business) के लिए लोन मांगा तो बैंक ने भी साफ मना कर दिया। परिवार चलाने की चिंता इतनी थी कि रमेश को कोई न कोई रास्ता निकालना ही पड़ा। इसी दौरान उन्हें एक छोटा काम सुझा और वही उनकी जिंदगी बदलने का कारण बन गया।
छोटा ठेला, बड़ी कमाई की शुरुआत
रमेश ने ज्यादा सोचने के बजाय अपनी गली के मोड़ पर एक छोटा सा ठेला लगाना शुरू किया। इस ठेले पर उन्होंने सुबह-सुबह ताज़ा गरम समोसे और कचौड़ी बेचनी शुरू कर दी। आपको बता दें कि रमेश ने शुरुआत सिर्फ ₹3,000 के निवेश (Investment) से की थी, जिसमें उन्होंने गैस सिलेंडर, बर्तन और थोड़ा सा सामान खरीदा। पहले दिन उनके पास ग्राहक कम आए, लेकिन धीरे-धीरे लोगों को उनके समोसे और कचौड़ी पसंद आने लगे।
ग्राहकों की भीड़ इतनी बढ़ी कि अब रमेश रोजाना 200 से ज्यादा समोसे और करीब 100 कचौड़ी बेच लेते हैं। हर समोसा ₹12 और कचौड़ी ₹15 में बिकती है। इससे उनकी दिन भर की कमाई (Income) ₹2000 से ₹3000 तक पहुंच गई।
मेहनत से बदल गई किस्मत
रमेश की मेहनत का असर यह हुआ कि अब वह सिर्फ ठेले तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने पास में एक छोटी सी दुकान भी किराए पर ले ली है। सुबह ठेले पर और शाम को दुकान से वह ग्राहकों को चाय और स्नैक्स भी बेचते हैं। लोग कहते हैं कि रमेश की दुकान पर आने के बाद घर जैसा स्वाद मिलता है, इसी वजह से उनका बिजनेस (Business) लगातार बढ़ता जा रहा है।
आप सोच सकते हैं कि जो इंसान नौकरी और लोन (Loan) के लिए परेशान था, वही अब रोजाना हजारों रुपये कमा रहा है। रमेश कहते हैं कि अगर मन में हिम्मत और ईमानदारी से मेहनत करने का जज्बा हो तो कोई भी काम छोटा नहीं होता।
कितनी लागत और कितना मुनाफा?
अगर कोई व्यक्ति रमेश की तरह यह काम शुरू करना चाहे तो शुरुआत बहुत कम निवेश (Investment) से हो सकती है। यहां तक कि ₹5,000 से भी ठेला और सामान आसानी से जुटाया जा सकता है। अगर स्वाद अच्छा हो और सफाई का ध्यान रखा जाए तो ग्राहकों की भीड़ अपने आप आने लगती है।
नीचे एक सरल तालिका दी गई है, जिसमें संभावित खर्च और कमाई (Income) का अनुमान दिखाया गया है:
खर्च का विवरण | अनुमानित राशि |
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ठेला और बर्तन | ₹3,000 |
गैस सिलेंडर व स्टोव | ₹2,000 |
आटा, आलू, तेल आदि | ₹2,000 |
कुल खर्च | ₹7,000 |
रोजाना की बिक्री अगर ₹2,500 मान ली जाए तो महीने की कमाई (Income) लगभग ₹60,000 से ₹70,000 तक आसानी से पहुंच सकती है।
निष्कर्ष
रमेश की कहानी इस बात का सबूत है कि हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हों, इंसान मेहनत और सही सोच के साथ अपनी किस्मत बदल सकता है। छोटे स्तर से शुरू हुआ उनका यह ठेला आज परिवार की जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर भी बना रहा है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी बिजनेस (Business) को शुरू करने से पहले स्थानीय बाजार और परिस्थितियों का आकलन करना ज़रूरी है।