LIC Mutual Fund Scheme: आजकल ज्यादातर लोग चाहते हैं कि उनका पैसा सिर्फ बैंक अकाउंट में पड़ा न रहे बल्कि धीरे-धीरे बढ़ता भी रहे। बैंक एफडी (FD) या पीपीएफ (PPF) जैसी योजनाओं से सुरक्षित रिटर्न तो मिलता है, लेकिन वहां ब्याज दर (Interest Rate) सीमित होती है। ऐसे में म्युचुअल फंड एक ऐसा विकल्प है जिसने लंबे समय में कई निवेशकों का पैसा दोगुना-तिगुना कर दिया। खासतौर पर LIC की कुछ स्कीमें ऐसी हैं जिनका दस साल का ट्रैक रिकॉर्ड देखने के बाद लोग हैरान रह जाते हैं। इन स्कीमों ने सालाना औसतन 12% से 14% तक का रिटर्न दिया है, जो सामान्य बचत योजनाओं से कहीं ज्यादा है।
LIC MF Large Cap Fund
एलआईसी लार्ज कैप स्कीम बड़ी कंपनियों यानी लार्ज कैप कंपनियों में निवेश करती है। बड़ी कंपनियों में जोखिम थोड़ा कम होता है और लंबे समय में उनका बिजनेस स्थिर रहता है। इस फंड ने पिछले दस साल में निवेशकों को औसतन 12% से ज्यादा सालाना रिटर्न दिया। इसका मतलब है कि अगर किसी ने दस साल पहले इसमें ₹1 लाख लगाया होता तो आज वह रकम तीन लाख रुपये से ज्यादा हो चुकी होती।
LIC MF ELSS Direct Growth
Direct Growth स्कीम टैक्स सेविंग का भी फायदा देती है और लंबे समय में पैसा बढ़ाने का भी। टैक्स में छूट चाहने वाले निवेशकों के लिए यह एक अच्छा विकल्प साबित हुआ है। बीते दस सालों में इस स्कीम ने करीब 13.5% तक का सालाना रिटर्न दिया है। अगर आप नियमित रूप से इसमें निवेश करते तो न सिर्फ टैक्स बचता बल्कि लंबी अवधि में अच्छी रकम भी बनती। यही वजह है कि LIC की इस स्कीम को लेकर निवेशकों का भरोसा लगातार बना हुआ है।
LIC MF ELSS Tax Saver Regular Plan
यह भी एक टैक्स सेविंग स्कीम है लेकिन इसमें निवेश पुराने समय से हो रहा है। दस साल का रिकॉर्ड देखने पर पता चलता है कि इसने करीब 11.5% से ज्यादा का सालाना रिटर्न दिया है। यह रिटर्न भी बैंक डिपॉजिट या पोस्ट ऑफिस स्कीम से काफी बेहतर है। लंबे समय तक बने रहने वाले निवेशकों ने यहां से अच्छा लाभ कमाया है।
स्कीमों का तुलना
नीचे दी गई तालिका में तीनों स्कीमों के दस साल के औसत रिटर्न की तुलना की गई है ताकि आपको एक नज़र में समझ आ सके कि किसने कितना बढ़ाया पैसा।
स्कीम का नाम | 10 साल का औसत वार्षिक रिटर्न |
---|---|
LIC MF Large Cap Fund | लगभग 12% |
LIC MF ELSS Direct Growth | लगभग 13.5% |
LIC MF ELSS Tax Saver Regular Plan | लगभग 11.5% |
निवेशकों के लिए सीख
इन स्कीमों के आंकड़े देखकर साफ समझ आता है कि म्युचुअल फंड में अगर आप लंबे समय तक टिके रहते हैं तो बैंक एफडी या पीपीएफ से ज्यादा फायदा हो सकता है। लेकिन साथ ही यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि म्युचुअल फंड में पैसा शेयर बाजार से जुड़ा होता है। बाजार ऊपर-नीचे होता रहता है और उसी के हिसाब से आपके निवेश की वैल्यू भी बदलती रहती है। ऐसे में धैर्य रखने वाले निवेशक ही असली लाभ उठा पाते हैं।
आखिर में एक जरूरी बात
पिछले दस साल का रिटर्न देखकर कोई भी फंड चुनना सही तरीका नहीं है। आपको यह भी सोचना चाहिए कि आपकी जरूरत क्या है, आप कितने साल निवेश कर सकते हैं और आप कितना जोखिम झेल सकते हैं। अगर आप तुरंत रिटर्न चाहते हैं तो यह विकल्प आपके लिए नहीं है। लेकिन अगर आप लंबी अवधि के लिए पैसा लगाना चाहते हैं तो LIC की ये स्कीमें आपको बेहतर फायदा दे सकती हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। यहां बताए गए रिटर्न पिछले आंकड़ों पर आधारित हैं, भविष्य में वैसा ही रिटर्न मिलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं है। निवेश करने से पहले अपनी स्थिति और जरूरत को देखते हुए किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।