आजकल हर कोई अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए बचत और निवेश (Invest) करना चाहता है। लेकिन महंगाई के इस दौर में केवल बैंक में पैसे जमा करने से बड़ा फंड तैयार नहीं हो पाता। ऐसे समय में एसआईपी (SIP – Systematic Investment Plan) सबसे आसान और भरोसेमंद तरीका माना जाता है। एसआईपी की खूबी यह है कि इसमें आप छोटे-छोटे अमाउंट से शुरुआत कर सकते हैं और लंबे समय तक निवेश करने पर करोड़ों का फंड बना सकते हैं।
आपको बता दें कि अगर कोई व्यक्ति सिर्फ 1500 रुपए हर महीने एसआईपी में डालता है तो एक समय बाद यह रकम इतनी बढ़ सकती है कि वह ब्याज (Interest) और मूलधन मिलाकर 1 करोड़ रुपए से भी ज्यादा बन जाए। सवाल यह है कि आखिर कितने सालों तक निवेश करना होगा ताकि इतनी बड़ी रकम तैयार हो सके। चलिए इसे विस्तार से समझते हैं।
छोटी रकम से बड़ी पूंजी बनाने का फॉर्मूला
एसआईपी में सबसे बड़ा रोल होता है कंपाउंडिंग का। यानी जितना ज्यादा समय आप निवेश करते हैं, उतना ही ब्याज (Interest) आपके मूलधन पर भी जुड़ता जाता है। शुरुआत में बढ़ोतरी धीमी लगती है लेकिन 10–15 साल बाद इसका असर तेजी से दिखता है।
अगर कोई व्यक्ति हर महीने 1500 रुपए जमा करता है और उस पर औसतन 12% वार्षिक रिटर्न मान लें, तो लगभग 30–35 साल में यह रकम करोड़ों तक पहुंच सकती है। यह सुनने में लंबा वक्त लगता है, लेकिन याद रखिए कि यहां आप केवल 50 रुपए रोज के हिसाब से निवेश कर रहे हैं, और भविष्य में उसके बदले करोड़ों रुपए का फायदा मिलने वाला है।
एसआईपी से 1 करोड़ बनाने की गणना
नीचे एक टेबल दी गई है जिसमें 1500 रुपए की एसआईपी को अलग-अलग वर्षों तक करने पर मिलने वाले अनुमानित रिटर्न दिखाए गए हैं। यह गणना 12% वार्षिक रिटर्न के आधार पर की गई है।
निवेश अवधि (साल) | कुल निवेश (₹) | अनुमानित फंड वैल्यू (₹) |
---|---|---|
10 साल | 1,80,000 | 3,49,000 |
15 साल | 2,70,000 | 7,86,000 |
20 साल | 3,60,000 | 15,09,000 |
25 साल | 4,50,000 | 28,00,000 |
30 साल | 5,40,000 | 53,00,000 |
35 साल | 6,30,000 | 1,02,00,000 |
टेबल से साफ है कि 1500 रुपए की छोटी सी एसआईपी भी अगर 35 साल तक लगातार की जाए तो करीब 1 करोड़ रुपए का फंड बन सकता है। इसमें आपकी जेब से कुल 6 लाख 30 हजार ही जाते हैं, जबकि बाकी पूरा पैसा ब्याज और कंपाउंडिंग से बनता है। यही एसआईपी का असली जादू है।
क्यों है लंबी अवधि जरूरी
बहुत से लोग जल्दी मुनाफा (Profit) चाहते हैं और कुछ साल में ही एसआईपी बंद कर देते हैं। लेकिन जो लोग लंबे समय तक निवेश करते हैं, वही कंपाउंडिंग का पूरा फायदा उठा पाते हैं। 20 साल तक सिर्फ 15 लाख बनते हैं, लेकिन 35 साल में वही निवेश 1 करोड़ से ज्यादा का हो जाता है। इसीलिए एसआईपी को कभी अल्पकालिक प्लानिंग के लिए नहीं बल्कि भविष्य की बड़ी जरूरतों जैसे बच्चों की पढ़ाई, शादी या रिटायरमेंट के लिए किया जाता है।
निष्कर्ष
अगर आप रोज की खर्चीली आदतों से सिर्फ 50 रुपए बचा लें और उसे एसआईपी में डालें, तो आने वाले समय में यह छोटी रकम करोड़ों का फंड बन सकती है। यह तरीका खासकर उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो ज्यादा निवेश नहीं कर सकते, लेकिन अपने भविष्य को सुरक्षित रखना चाहते हैं। याद रखें, एसआईपी में धैर्य सबसे बड़ा हथियार है। जितना ज्यादा समय देंगे, उतना ही बड़ा फायदा होगा।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई गणना अनुमानित है और यह मार्केट के रिटर्न पर निर्भर करती है। किसी भी निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से राय अवश्य लें।